28 सित॰ 2010

कहते हैं....

"कहने और करने के बीच तमाम जूते घिस जाते हैं."
कथनी-करनी में फर्क होने पर ही ऐसा होता हे या और भी ....

8 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसे ही लिखते रहें और अपनी सकारात्मक सोच से हिंदी ब्लोगिंग को दिशा दें, शुभकामनाएं !

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  2. बहुत अच्छा प्रयास है
    शुभकामनांऐ

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  3. कथनी-करनी में फर्क होने पर ही ऐसा होता है

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  4. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।