15 अक्तू॰ 2019

‘‘भारत में अमीरी के नहीं,ग़रीबों के हाथ में पैसे देने की ज़रूरत है।’’

अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा के बाद से ही प्रकाश में आए अभिजीत बनर्जी ने कहा है-‘‘भारत में अमीरी के नहीं,ग़रीबों के हाथ में पैसे देने की ज़रूरत है।’’
इसे सुनकर कई राष्ट्रवादियों के चेहरे तमतमा गए हैं! आप इस बयान या कथन या विचार को कैसे देखते हैं?


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