5 अग॰ 2012

'मेरी बातें'........... -मनोहर चमोली ‘मनु’

'मेरी बातें'

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दिखाई देता होगा तुम्हें
नदियों में उफान
पेड़ों में पतझड़
बारिश में काँपते पहाड़
भीषण गर्मी में झुलसाती हवा
मुझे तो नदियाँ सुनाती हैं संगीत
याद आ जाती हैं माँजी की लोरियाँ
 
पेड़ में दिखती हैं हरी-हरी कोंपलें
जैसे नन्हें शिशुओं के अभी उगे हों दाँत
झूमते हुए लगते हैं पहाड़ मुझे
नहाते हुए बच्चों की तरह
हवा का स्पर्श देता है ताज़गी
सुला रही हो जैसे माँ
थपकी देकर।
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-मनोहर चमोली ‘मनु’.पोस्ट बाॅक्स-23.भितांईं, पौड़ी गढ़वाल.246001

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