15 फ़र॰ 2014

हर जीव जरूरी .. Champak. Feb 1st 2014

हर जीव जरूरी

-मनोहर चमोली ‘मनु’

जंबो हाथी ने चिंघाड़ते हुए कहा-‘‘आज फैसला होकर ही रहेगा। शेर सिंह ने आज फिर हिरनों के झुण्ड पर हमला बोल दिया। हमें अपना राजा बदलना ही होगा।’’

रंभा गाय बोली-‘‘चंपकवन में जीना मुहाल हो गया है। हम अपने बच्चों की सुरक्षा क्या खाक करेंगे, जब हम सुरक्षित नहीं हैं। आज फैसला हो ही जाए। चंपकवन में या तो हम रहेंगे या फिर शेर सिंह।’’

‘‘हांहा। जंबो दादा तुम संघर्ष करो। हम तुम्हारे साथ हैं।’’ जंपी बंदर ने भी सुर में सुर मिलाया। केची कछुआ और मिटू तोता भी नारे लगाने लगे। 

मीकू चूहा बोला-‘‘अरे! हुआ क्या है? ये तो पता चले।’’

जंबो हाथी बोला-‘‘इस चंपकवन में और हो भी क्या सकता है। मैंने खुद देखा। आज शेर सिंह ने छिप कर हिरनों के झुण्ड में वार किया। मेरे सामने ही उसने एक कमजोर हिरन को दबोच लिया।’’ 
चीकू खरगोश ने कहा-‘‘जंबो दादा। उस घने जंगल में तुम क्या कर रहे थे?’’

जंबो हाथी ने बताया-‘‘मैं अपने मकान के लिए इमारती लकड़ी लेने गया हुआ था।’’
 मीकू चूहा हंसते हुए जंबो हाथी से बोला-‘‘ओह! तो आप नया मकान बना रहे हो। इसका मतलब यह हुआ कि उसमें बिजली की व्यवस्था भी करोगे।’’

जंबो हाथी ने कहा-‘‘क्यों नही। मेरा मकान अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। ए.सी.,टी.वी. और फ्रिज तो मैं खरीद भी चुका हूं।’’

यह सुनकर चीकू खरगोश जोर से हंस पड़ा। जंबो हाथी को गुस्सा आ गया। वह चीकू खरगोश से बोला-‘‘इसमें हंसने वाली कौन सी बात हो। हम सब वैसे ही शेर सिंह से परेशान हैं। तुम बेकार में हमे और परेशान मत करो।’’

चीकू खरगोश ने मुस्कराते हुए कहा-‘‘जंबो दादा। यदि शेर सिंह चंपकवन में नहीं रहेगा तो चंपकवन में बिजली भी नहीं आ सकेगी।’’
 जंबो हाथी चौक पड़ा। मिटू तोता सहित अन्य जानवर भी चीकू खरगोश का मुंह ताकने लगे।

मीकू चूहा बोला-‘‘चीकू सही कह रहा है। पहले तुम यह तय कर लो कि शेर सिंह को चंपकवन में रहने दोगे या बिजली भगाओगे?’’ 

जंबो हाथी को गुस्सा आ गया। वह चिंघाड़ते हुए बोला-‘‘चीकू और मीकू। तुम क्या शेर सिंह के ऐजेंट हो? क्या तुम्हें शेर सिंह से खतरा नहीं है? शेर सिंह ने हमारा जीना हराम कर दिया है। हम उसे मार कर ही दम लेंगे।’’

रंभा गाय बोली-‘‘ये चीकू और मीकू कैसी बहकीबहकी बातें कर रहे हैं।’’

चीकू खरगोश बोला-‘‘बहक तो तुम रहे हो। जोश के साथ होश संभाल कर कदम उठाओ। ये चंपकवन हैं। यहां जंगल का नियम चलता है। हर ताकतवर कमजोर को अपना निवाला बनाता है। जंगल के अपने नियम होते हैं। मांसाहारी जीव शाकाहारी को खाते ही हैं। शाकाहारी जीव भी तो घासपात खाते हैं। क्या कभी सोचा है कि हम सब एकदूसरे के पूरक हैं। भले ही कोई किसी को अपना शत्रु मानें लेकिन जिंदा रहने के लिए शत्रु भी जरूरी है। जिंदा रहने के लिए हम एक दूसरे पर ही निर्भर हैं।’’ यह सुनकर जंबो हाथी का गुस्सा शांत हो गया। 

मीकू चूहा बोला-‘‘जंबो दादा। आपने जो मकान बनाया है। उसमें पेड़ों से ही इमारती लकड़ी हासिल की है। याद रखो। कितने नन्हे पौघों को तुम अपने पैरों से कुचल देते हो। पैड़ों की टहनियां तोड़ते हो। हजारों पत्तियां तुम दिन भर में निगल जाते हो। सोचो। यदि सारे जीव शाकाहारी होते तो? भोजन की कमी हो जाती। हमारे कई सारे जीव लुप्त हो रहे हैं। क्यों? कभी सोचा है?’’

रंभा गाय ने कहा-‘‘हम्म। ये बात तो है। हर जीव किसी न किसी का भोजन तो है ही। हम भी घासपात और चारापत्ती पर निर्भर हैं। यदि घासपात ही न हो तो हम कैसे जिंदा रहेंगे?’’

चीकू खरगोश बोला-‘‘बिल्कुल सही कहा रंभा ने। यदि हम जिंदा नहीं रहेंगे तो मांसाहारी जीव भी जिंदा नहीं रहेंगे। दोस्तों। चंपकवन में हर जीव जरूरी है। चाहे वो कोई भी हो।’’

जंबो हाथी ने शांत भाव से कहा-‘‘ये तो हमने सोचा ही नहीं। लेकिन शेर सिंह का बिजली से क्या संबंध है? ये भी तो बताओ।’’

मीकू चूहा उछलता हुआ बोला-‘‘मैं बताता हूं। दोस्तों। यदि शेर सिंह नहीं रहेगा और दूसरे मांसाहारी जीव नहीं रहेंगे तो शाकाहारी जीवों की आबादी बढ़ती चली जाएगी। इतनी बढ़ जाएगी कि चारापत्ती की कमी हो जाएगी। फिर घासपात के बदले पेड़ों की पत्तियां भी नहीं बचेगी। टहनियांे के साथसाथ वृक्ष भी नहीं बचेंगे। वृक्ष नहीं बचेंगे तो चंपकवन ही नहीं धरती से सारे जंगल और वनसंपदा नष्ट हो जाएगी।’’

चीकू खरगोश ने बीच में बोलते हुए कहा-‘‘जब जंगल ही नहीं होंगे तो बारिश कहां से होगी। जब बारिश ही नहीं होगी तो पर्वतों में बर्फ ही नहीं बचेगी। नदीतालाब ही नहीं बचेंगे। नदीतालाब ही नहीं बचेंगे तो बांध कहां से बचेंगे। जब बांध ही नहीं बचेंगे तो बिजली कहां से बनेगी।’’

जंबो हाथी ने हंसते हुए कहा-‘‘जब बिजली ही नहीं बनेगी तो चंपकवन में बिजली कहां से आएगी। फिर मेरे टी.वी.,कूलर, फ्रिज का क्या होगा।’’ 
यह सुनकर सब हंस पड़े।
 तभी शेर सिंह की दहाड़ सुनाई दी। सब पलक झपकते ही नौ दो ग्यारह हो गए।

9 टिप्‍पणियां:

  1. अरे बहुत सही है......सभी जीव जरुरी हैं ; और ये सब चम्पक वन के माध्यम से बताना ..... वाह मजा आ गया ..... ऐसा लगा जैसे मेरा बचपन फिर लौट आया हो ..... सामने चम्पक के मैं करैक्टर....जम्बो हाथी , शेर सिंह , चीकू, मीकू .... और इसके साथ हमेशा कि तरह एक जरुरी बात कहना :)
    बहुत अच्छा !!

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन दादासाहब की ७० वीं पुण्यतिथि - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. bahut achchhi kahani hai.......aaj suhani ko fir ek achchhi baal kahani milegi.

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  4. आपकी कहानी में सिर्फ मनोरंजन नही होता, विचारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अच्छी कहानी के लिए बधाई।

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यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।