मित्रों ! मराठी भाषा में मेरी छह बाल कहानियां अनुदित होकर किताब के रूप में आई हैं। किताब का आवरण आप सभी को सादर समर्पित है। खासकर उनका आभार जिन्होंने समय-समय पर मेरी रचनाओं को पढ़कर मेरा हौसला बढ़ाया है।
-मनोहर चमोली 'मनु'
manuchamoli@gmail.com
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यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।
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