भन भन करते आते मच्छर,
मंडराते हैं पास में
यहाँ-वहाँ और गली-गली,
क्या खोली मकान में
सुबह शाम हो दिन या रात,
जुट जाते ये काम में
ख़ून चूसना इनको भाता,
शोर मचाते कान में
रुका हुआ पानी है ख़तरा,
साफ़-सफाई रक्खो भइया
ये हैं रोगों के बाराती,
आफ़त डाले जान में।
-मनोहर चमोली 'मनु'
पोस्ट बॉक्स-23,
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड - 246001 मो.- 9412158688
manuchamoli@gmail.com
behad sunder hai
जवाब देंहटाएंshukriya....
जवाब देंहटाएंmargdarshan bhi kijiyega.