'पापा रहने दो। तुम नहीं समझोगे कभी'
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ओह ! मेरे पिता !
ठीक कहा था आपने कई बार मुझे
बच्चे हो नहीं समझोगे
वाकई मैं नहीं समझ पाया वक्त रहते
जो आपने कई बार मुझे समझाया था
यह विडम्बना ही है कि मैं आज समझा
जब बरसों बीत गए आपको भूले हुए
मानो आप थे पिछले बरसों का कलेण्डर
आज जब बरसों हो गए मुझे पिता हुए
मेरा ही बेटा मुझसे कहता है कई बार
पापा रहने दो। तुम नहीं समझोगे कभी
लगता है कि इतिहास खुद को बदल रहा है
ओह! मेरे पिता!
काश ! मैं भी पलट कर जवाब देता आपको
आपको अक्सर कहता कि तुम आउट डेटेड हो गए हो
कहता आपको कि मेरे कमरे मंे पूछ कर आया करो
मेरी भी अपनी लाइफ है,
डिस्टर्ब न करो, टेंशन न दो
ओह ! मेरे पिता!
मैं तो कभी देर शाम नहीं लौटा
कही भी गया तो रात घर ही लौटा
मैं हमेशा बच्चा ही रहा आपके लिए
हाँ मेरे पिता । मैं आज समझा हूँ
लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है
बहरहाल। आपके इस बेटे का बेटा बहुत समझदार है
वह सब कुछ समझता है
इतना समझदार है कि रात को तब लौटता है
जब रात भी सो चुकी होती है
वह कहीं जाता है तो कुछ नहीं बताता
शायद इसलिए कि मैं परेशान न हो जाऊँ
ओह ! मेरे पिता।
मैं आपको कभी नहीं समझ पाया
और ये पिता अपने बच्चे को कुछ समझा नहीं पाया
शायद तभी तो इस पिता का बेटा कहता है
पापा रहने दो। तुम नहीं समझोगे कभी।
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-मनोहर चमोली ‘मनु’
गोधूलि की बेला में...19 मई 2012.
behtreen or sachhayi darsati rachna
जवाब देंहटाएंaabhar :)
Deepti ji..aabhaar aapka..
हटाएंKuchh ajeeb si bhawanayen.. shayad mujhe bhi samay lage samajhne mein... baharhaal, achha laga aapke blog pe ana..
जवाब देंहटाएंSaadar!
madhuresh ji ...shukriyaa aapka..
हटाएं21वीं सदी....
जवाब देंहटाएंअब बच्चे फिर से अभिमन्यु होने लगे
कहते हैं बच्चे
पापा,,,,ट्राई टू अन्डरस्टैण्ड
साभार...सादर
yashoda agrawal ji shukriya aapka bhee...
हटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
Yashwant Mathur ji shukriya aapka bhee...
हटाएंbahut sunder Bhaav Mau JI..Lajwaab Rachna.. Badhai !!
जवाब देंहटाएंBrijendra Singh ji shukriya aapka bhee...
हटाएंशायद इतिहास स्वयं को दोहराता है.... और ये इसी का परिणाम है
जवाब देंहटाएंपापा तुम नहीं समझोगे
बहुत सुन्दर
Anjani Kumar ji aabhaari hun aapka.
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