सोचा अब
-मनोहर चमोली ‘मनु’
अचला राज्य में एक दिन मछुवारों सहित कई बच्चों को दरबार में लाया गया था। सेनापति ने राजा को बताया-‘‘ये मछुवारे मछली पकड़ रहे थे।’’ राजा ने मछुवारों से कहा-‘‘नदी जीवनदायिनी है। नदी का जल पीने योग्य नहीं रह गया है। जलचरों का जीवन संकट में है। सभी को कानून का पालन करना चाहिए।’’ मछुवारों का मुखिया बोला-‘‘महाराज। हम मछुवारे पीढ़ियों से मछली पकड़ रहे हैं। हमारी आजीविका का एक मात्र साधनयही है।’’ राजा ने कहा-‘‘मेरे लिए राजधर्म सर्वोपरि है। तुम्हें नई पीढ़ी को इतना शिक्षित और प्रशिक्षित करना होगा कि वह राजहित में काम करे।’’ तभी मछुआरों की एक बच्ची बीच में बोल पड़ी-‘‘महाराज। मेरा नाम मिताली है। मैं पढ़ाई भी करती हूं और जाल भी बुनती हूं। हम मछलियों को जाल से पकड़ते हैं। नदी के जलचर हमारी वजह से नहीं मर रहे हैं।’’ नगर कोतवाल ने मिताली को चुप रहने का इशारा किया। मंत्री मछुवारों से बोला-‘‘एक तो अपराध करते हो, दूसरा राजा के मुंह लगते हो!’’ राजा बीच में बोल पड़ा-‘‘यह दरबार है। यहां प्रत्येक की बात सुनी जाती है। मिताली को अपनी बात कहने दी जाए।’’ मिताली कहने लगी-‘‘महाराज। कई अवसरों पर प्रतिमाएं नदी में बहाई जाती हैं। उस पर रोक लगाई जाए।’’ राजपुरोहित खड़ा हो गया। कहने लगा-‘‘मूर्ख लड़की ! बच्ची है तो इसका अर्थ यह नहीं कि धर्म और आस्था पर प्रहार करेगी।’’ राजा ने इशारा किया तो राजपुरोहित चुप हो गया। राजा ने पूछा-‘‘कुछ ही अवसरों पर प्रतिमाएं विसर्जित होती हैं। प्रतिमाओं का नदी के प्रदूषित होने से क्या संबंध हैं?’’
मिताली ने कहा-‘‘है महाराज। पहले साधारण मिट्टी की प्रतिमांए नदी में बहा दी जाती थीं। लेकिन अब प्लास्टर की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। यह प्लास्टर पानी में नहीं घुलता। रंग-बिरंगी प्रतिमाओं पर इनैमल पेंट किया जाता हैं। यह इनैमल पेंट कई हानिकारक रसायनों से बनता है। रसायनों में सीसा भी होता है। जलचरों के साथ-साथ सीसे से मिला पानी सिंचाई के लिए भी हानिकारक है। हमारी शाक-भाजी और फसलों में भी यह हानिकारक रसायन पंहुच रहा है। हर साल प्रतिमाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं।’’राजा बीच में ही बोल पड़ा-‘‘ये तो हमने कभी सोचा ही नहीं।’’ महारानी अब तक चुप थी। वह बोल पड़ी-‘‘आश्चर्य है। हां मिताली अपनी बात कहो।’’ मिताली बोलती रही-‘‘महारानी जी। मूर्तियों के विसर्जन के बाद पानी में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। पानी में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। नदी के भीतर खनिज तत्व की मात्रा दो सौ से तीन सौ फीसदी बढ़ जाती है। इससे छोटे-छोटे जीव-जंतु दम तोड़ देते हैं।’’
राजा ने पूछा-‘‘खनिज तत्व?’’ मिताली ने बताया-‘‘जैसे लोहा, तांबा आदि। नागरिक नदियों में धातु के सिक्के भी चढ़ाते हैं। आक्सीजन कम होने से मछलियों से छोटे जीव मरने लगते हैं। प्रतिमाओं का पेंट मर्करी और लेड से बनता है। यह रसायन पानी में तैरता रहता है। प्रतिमाएं बरसों तक जल के भीतर डूबी रहती हैं। उन्हें पूरी तरह से नष्ट होने में वर्षों लग जाते हैं। प्रतिमाओं के साथ फूल, कपड़े व अन्य धातुओं का चढ़ावा भी नदी में भेंट कर दिया जाता है। यह सब प्रदूषण बढ़ाता है। नदी के तट पर राजमहल के सैकड़ों सैनिकों के वस्त्रों से लेकर आम नागरिकों के वस्त्र भी धुल रहे हैं। मवेशियों को स्नान भी कराया जा रहा है।’’
सेनापति ने कहा-‘‘महाराज। इस बच्ची की बात सही है। लेकिन समस्या गिनाना आसान है। समाधान क्या है?’’ मिताली ने निडरता से कहा-‘‘यह सबको सोचना होगा। सबसे पहले तो गोला नदी पर किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप न हो। धार्मिक पूजा,अर्चना,अनुष्ठान कार्यो के लिए एक कृत्रिम नदी का निर्माण किया जाए। प्रतिमाएं केवल और केवल कच्ची मिट्टी की हों। ऐसी कि वे पानी में बहाते ही घुल जाएं।’’ राजा मुस्कराए। बोले-‘‘वाह ! मिताली वाह! लेकिन तुम मछुवारों के लिए क्या किया जाए?’’
मिताली ने कहा-‘‘हम मछुवारे जाल बुनते हैं। हमें सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाए। मतस्य पालन के लिए छोटे-छोटे राजकीय तालाब बनाए जा सकते हैं। मछुवारों को मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जाए।’’ राजा सिंहासन से उठ खड़ा हुआ। कहने लगा-‘‘हम आदेश देते हैं। राज्य के प्रत्येक मछुवारे परिवार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजकोष से सहायता दी जाएगी। राजकीय तालाब बनाए जाएंगे। मछली पालन के लिए पड़ोसी राज्यों की सहायता ली जाएगी। गोला नदी के समानांतर एक कृत्रिम नदी और जलाशय का निर्माण किया जाएगा। सभी तरह के धर्म-कर्म उस कृत्रिम नदी में ही संपन्न कराएं जाएंगे।’’
महारानी ने मुस्कराते हुए राजा से कहा-‘‘बालिकाओं के लिए कुछ विशेष घोषणा भी तो कीजिए।’’ राजा मुस्कराते हुए बोला-‘‘हमने इस दिशा मंे पहले नहीं सोचा। आज सोचा है। राज्य प्रत्येक बालिका को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करेगा। संपूर्ण राज्य शिक्षित हो। यह भावना सर्वोपरि होगी। आज से राज्य की सलाहकार समिति में बच्चे भी शामिल होंगे। मिताली सहित सभी मछुवारे आज राजभोज हमारे साथ करेंगे।’’ मछुवारों ने मिताली को गोद में उठा लिया। सबकी मिताली के लिए तालियां बजा रहे थे। ॰॰॰ -मनोहर चमोली ‘मनु’....पोस्ट बाॅक्स-23,भितांई,पौड़ी गढ़वाल 246001 (उत्तराखण्ड) मोबाइल-09412158688
55550
जवाब देंहटाएं