29 सित॰ 2010

हर चीज़.....

'हर चीज़ गुजर जाती है, हर चीज़ कमजोर हो जाती है. हर चीज़ टूट जाती है.'
बस इस मन को...- इस दिल को... नही टूटने देना चाहिए. जमाना तो हाथ में पत्थर लिए खड़ा है. फिर क्या....?
यही कि आशा का दामन नहीं छोड़ना चाहिए.... संभालने वाले साथी भी मिल ही जाते हैं.

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