आज के दिन की शुरुआत अच्छी रही.विजय दी का फ़ोन आया. तब देका..देर लगी पर... फिर दी का फ़ोन दोबारा आया. काश! अनु से बात हो पाती.!
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यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।
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