ग़ज़ल....... पैसा पैसे को कमाता तो है.....
-मनोहर चमोली ‘मनु’
वैसे पैसा पैसे को कमाता तो है।
पर आदमी को मशीन बनाता तो है।।
यूँ अपनों से नाहक ही दूर हो जाना।
ये दौलत का नशा है ये कराता तो है।।
कल रोटी मिले न मिले उसे फिर भी।
वो मस्ती में कहकहे लगाता तो है।।

दिल अभी लगा नहीं किसी से ‘मनु’ का।
मगर वो हसीन ख़्वाब सजाता तो है।।
-मनोहर चमोली ‘मनु’
वैसे पैसा पैसे को कमाता तो है।
पर आदमी को मशीन बनाता तो है।।
यूँ अपनों से नाहक ही दूर हो जाना।
ये दौलत का नशा है ये कराता तो है।।
कल रोटी मिले न मिले उसे फिर भी।
वो मस्ती में कहकहे लगाता तो है।।

दिल अभी लगा नहीं किसी से ‘मनु’ का।
मगर वो हसीन ख़्वाब सजाता तो है।।
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