कहते हैं कि लड़कियाँ
चिड़िया के समान होती हैं
वे एक जगह नहीं टिकतीं
फुर्र हो जाती हैं
लेकिन मैंने तो देखी हैं
ऐसी कई लड़कियाँ
जो उड़ती ही नहीं
वे जड़ हो गईं हैं
अपने बूढ़े माता-पिता के लिए
नन्हे भाई-बहिनों की खातिर
तो मैं कैसे मान लूं
कि लड़कियाँ
चिड़िया के समान होती हैं
वे एक जगह नहीं टिकती
फुर्र हो जाती हैं---फुर्र हो जाती हैं ! ! !
चिड़िया के समान होती हैं
वे एक जगह नहीं टिकतीं
फुर्र हो जाती हैं
लेकिन मैंने तो देखी हैं
ऐसी कई लड़कियाँ
जो उड़ती ही नहीं
वे जड़ हो गईं हैं
अपने बूढ़े माता-पिता के लिए
नन्हे भाई-बहिनों की खातिर
तो मैं कैसे मान लूं
कि लड़कियाँ
चिड़िया के समान होती हैं
वे एक जगह नहीं टिकती
फुर्र हो जाती हैं---फुर्र हो जाती हैं ! ! !
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29-9-2010 -मनोहर चमोली 'मनु'
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
जवाब देंहटाएंsanjay ji aabhaari hun aapka.
हटाएंबडी सच्ची और गहरी बात कह दी।
जवाब देंहटाएंvandana ji..aabhaari hun aapka..
जवाब देंहटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंसच कुछ लडकियाँ होती ही हैं ऐसी, कर देती हैं जीवन न्यौछावर अपनों पे।
जवाब देंहटाएंVandana ji AABHAAR aapka.
जवाब देंहटाएंAASHAA ji AABHAAR aapka.
जवाब देंहटाएंAASHAA ji AABHAAR aapka.
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता है .
जवाब देंहटाएंchetan ji aabhaar.
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