29 सित॰ 2010

विचार..दर्द का....

हर आदमी सोचता है-''मेरा दर्द भारी है. मै दुखी हूँ और दूसरा सुखी है.''

2 टिप्‍पणियां:

यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।