18 मार्च 2012

gazal............आता तो होगा।


 कभी आँखों के सामने मेरा चेहरा आता तो होगा।
आपके अपनों में कभी ज़िक्र हमारा आता तो होगा।।

भुला दो मुझको मेरी यादें चाहे मिटा दो लेकिन।

कोई कभी न कभी मेरे नाम सा आता तो होगा।।

तुमने बेदर्दी से जला दिए ख़त मेरे और मैं समझा।

तुम्हें इश्क मुहब्बत का कायदा आता तो होगा।।

ये ओर बात है कि ये शहर है सादगी वाला लेकिन

इसे भी हुनर फरेब चालाकी का आता तो होगा।।

-मनोहर चमोली ‘मनु’

2 टिप्‍पणियां:

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