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तू जो मेरा साया होता
मैंने भी कुछ पाया होता
वो शायर होता तो उसने
अपना शेर सुनाया होता
ख़ूब दुआएँ पाता गर मैं
किसी पेड़ का साया होता
मिलकर आता मैं गर उसने
अपना पता बताया होता
जो आया वो जाएगा पर
कुछ तो नाम कमाया होता
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तू जो मेरा साया होता
मैंने भी कुछ पाया होता
वो शायर होता तो उसने
अपना शेर सुनाया होता
ख़ूब दुआएँ पाता गर मैं
किसी पेड़ का साया होता
मिलकर आता मैं गर उसने
अपना पता बताया होता
जो आया वो जाएगा पर
कुछ तो नाम कमाया होता
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-मनोहर चमोली ‘मनु’
29 अप्रैल 2012. गोधूलि की बेला में.
29 अप्रैल 2012. गोधूलि की बेला में.
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