तुम आओ तो सही
बस आखि़री ही इक बार तुम आओ तो सही
दम तोड़ रहा बीमार तुम आओ तो सही
अब बातें न मुलाकातें होती हैं, जो लिया
न चुकाना मेरा उधार तुम आओ तो सही
दिल भी धड़कन भी दरपन भी तुम हो, सामने
तो रहो लूँ खुद को सँवार तुम आओ तो सही
बरसों हुए सोया नहीं तुम नींद हो मेरी
मैं बस पाँव लूंगा पसार तुम आओ तो सही
बेवजह तेरा जाना आइने में बाल है
चलो हटो मैं गया हार तुम आओ तो सही
------------------------------
-मनोहर चमोली ‘मनु’
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
यहाँ तक आएँ हैं तो दो शब्द लिख भी दीजिएगा। क्या पता आपके दो शब्द मेरे लिए प्रकाश पुंज बने। क्या पता आपकी सलाह मुझे सही राह दिखाए. मेरा लिखना और आप से जुड़ना सार्थक हो जाए। आभार! मित्रों धन्यवाद।