17 अप्रैल 2012

तुम आओ तो सही


 
बस आखि़री ही इक बार तुम आओ तो सही
दम तोड़ रहा बीमार तुम आओ तो सही


अब बातें न मुलाकातें होती हैं, जो लिया
न चुकाना मेरा उधार तुम आओ तो सही


दिल भी धड़कन भी दरपन भी तुम हो, सामने
तो रहो लूँ खुद को सँवार तुम आओ तो सही


बरसों हुए सोया नहीं तुम नींद हो मेरी
मैं बस पाँव लूंगा पसार तुम आओ तो सही


बेवजह तेरा जाना आइने में बाल है
चलो हटो मैं गया हार तुम आओ तो सही

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-मनोहर चमोली ‘मनु’

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